Jumma mubarak shayari
ए अल्लाह एक मौका हमको भी दे सफर-ए-मक्का का, सुना
तुम अल्लाह को याद रखों अल्लाह तुम्हे याद रखेगा,
हर किसी के लिए दुआ किया करों कया पता किसी के नशीब
या अल्लह आज जुमा की नमाज के बाद जितने भी हाथ तेरी
बारगाह में दुआ के लिये उठे है सब की दुवा कुबूल फरमा
काश उन को भी याद आउ मे जुम्मा की दुआओ मे जो अक्सर
मुझसे कहते हैं दुआओ मे याद रखना सुकून” और “प्यार” ये
चीज़ें ज़िन्दगी मैं ख़ूबसूरत बनती हैं, अल्लाह पाक आप की
ज़िन्दगी मैं किसी एक की भी कमी न करे।
गुजारिश है तुम से धन बरसे या न बरसे पर रोटी या प्यार को
कोई न तरसे अस्सलाम वालेकुम हर किसी क लिए दुआ किया
करो किया पता किसी की किस्मत तुम्हारी दुआ का इंतज़ार कर रही हो।
अल्लाह सब के साथ हैं,तस्वीर ए कैनात का अक्स हैं अल्लाह,
दिल को जो जगा दे वो एहसास हैं अल्लाह,ए बाँदा ए मोमिन तेरा दिल
क्यों उदास हैं,दिल से ज़रा पुकार तेरे पास हैं अल्लाह.
जुम्मा मुबारक!
नमाज़ की तो वो शान है जो रोक देती हैं तवाफ़-ए-काबा को ए इंसान,
तेरे कामों की क्या औक़ात है जिस के लिए तू नमाज़ को छोड़ देता हैं।
जुम्मा मुबारक!
गुजारिश है तुम से धन बरसे या न बरसे पर रोटी या प्यार को
कोई न तरसे अस्सलाम वालेकुम हर किसी क लिए दुआ
किया करो किया पता किसी की किस्मत तुम्हारी दुआ का इंतज़ार कर रही हो... jumma mubarak
अल्लाह सब के साथ हैं, तस्वीर ए कैनात का अक्स हैं
अल्लाह, दिल को जो जगा दे वो एहसास हैं अल्लाह, ए बाँदा
ए मोमिन तेरा दिल क्यों उदास हैं, दिल से ज़रा पुकार तेरे
पास हैं अल्लाह.
या अल्लह आज जुमा की नमाज़ के बाद जितने भी हाथ तेरी
तुम इबादत के लम्हों में मेरा एक काम करना हर सहरी से
हर नमाज़ के बाद हर इफ़्तार से पहले, हर रोज़े के बाद सिर्फ
अपनी दुआ के कुछ अलफ़ाज़ मेरे नाम करना। हैप्पी रमदान!
बाह रही अजीब हैं नादान-ए-दिल की खवाइश या रब अमल
सुकून” और “प्यार” ये चीज़ें ज़िन्दगी मैं ख़ूबसूरत बनती हैं,
अल्लाह पाक आप की ज़िन्दगी मैं किसी एक की भी कमी न
अल्लाह सब के सात हैं, तस्वीर ए कैनात का अक्स हैं।
अल्लाह, दिल को जो जगा दे वो एहसास हैं अल्लाह, ए बाँदा
ए मोमिन तेरा दिल क्यों उदास हैं, दिल से ज़रा पुकार तेरे
अल्लाह सब के साथ हैं, तस्वीर ए कैनात का अक्स हैं
अल्लाह, दिल को जो जगा दे वो एहसास हैं अल्लाह, ए बाँदा
ए मोमिन तेरा दिल क्यों उदास हैं, दिल से ज़रा पुकार तेरे पास
नमाज़ की तो वो शान है जो रोक देती हैं तवाफ़-ए-काबा को
ए इंसान, तेरे कामों की क्या औक़ात है जिस के लिए तू
वो चमक चाँद में है न सितारों में हैं, जो मदीने के दिलकश
नजारों में हैं, बेजुबान पत्थरों को भी बख्श दी जुबान इतनी
वो चमक चाँद में है न सितारों में हैं, जो मदीने के दिलकश
नजारों में हैं, बेजुबान पत्थरों को भी बख्श दी जुबान इतनी
ताकत मेरे नबी के इशारों में हैं..
ए अल्लाह एक मौका हमको भी दे सफर-ए-मक्का का, सुना
हैं तेरे घर और जन्नत में कोई फर्क नहीं! . जुम्मा मुबारक जो
किस्मत में नही हो वो रोने से नहीं मिलता मगर अल्लाह से
दुआ में मिल जाता है. Jumma Mubarak ho
नमाज़ की तो वो शान है जो रोक देती हैं तवाफ़-ए-काबा को
ए इंसान,तेरे कामों की क्या औक़ात है जिस के लिए तू नमाज़
को छोड़ देता हैं...
हर किसी के लिए दुआ किया करों
कया पता किसी के नशीब में
आपकी दुआ का इंतज़ार कर रही हो
जुम्मा मुबारक
गुजारिश है तुम से धन बरसे या न बरसे पर रोटी या प्यार को
कोई न तरसे अस्सलाम वालेकुम हर किसी क लिए दुआ
किया करो किया पता किसी की किस्मत तुम्हारी दुआ का इंतज़ार कर रही है।
"सुकून" और “प्यार” ये चार चीज़ें ज़िन्दगी मैं ख़ूबसूरत बनती
हैं, अल्लाह पाक आप की ज़िन्दगी मैं किसी एक की भी कमी
न करे. अमीन … जुम्मा मुबारक!
अब रब राज़ी होने लगता है तो बन्दे को अपने अएबोन का
पता चलने शुरू हो जाता है और ये उसकी रहमत की पहली
निशानी होती है..
सुकून" और “प्यार” ये चार चीज़ें ज़िन्दगी मैं ख़ूबसूरत बनती
हैं, अल्लाह पाक आप की ज़िन्दगी मैं किसी एक की भी कमी
न करे. अमीन … जुम्मा मुबारक!
या रब उनको सदा लाज़वाब रखना, मैं उनसे दूर हूँ उनका
ख्याल रखना, मेरे जब भी हाथ उठे यही दुआ निकली, उन के
गिर्द हमेशा खुशियों का जाल रखना...
नमाज़ की तो वो शान है जो रोक देती हैं तवाफ़-ए-काबा को
ए इंसान, तेरे कामों की क्या औक़ात है जिस के लिए तू
नमाज़ को छोड़ देता हैं. जुम्मा मुबारक!
दो लाइनों की जुम्मा मुबारक शायरी
या अल्लह आज जुमा की नमाज के बाद जितने भी हाथ तेरी
बारगाह में दुआ के लिये उठे है सब की दुवा कुबूल फरमा
जब रन राजी होने लगता है तो बंदे को अपने ऐबों का पता
चलना शुरू हु जाता है और ये इसकी रहमत की पहेली
निशानी है
बाह रही अजीब हैं नादान-ए-दिल की खवाइश या रब अमल
कुछ नहीं और दिल तलबगार हैं जन्नत का! जुम्मा मुबारक
ए अल्लाह एक मौका हमको भी दे सफर-ए-मक्का का, सुना
हैं तेरे घर और जन्नत में कोई फर्क नहीं! . जुम्मा मुबारक
दुआओं में सबकी खुशिया माँग लिया करो,
जो दुआ नहीं पढ़ते है उनकी भी तकदीर संवार दिया करों.
अल्लाह सारी ख्वाहिशें मुक्कमल किया करें,
जो खुदा की सजदे में सिर झुकाया करें.
अंधेरों को नूर देता हैं, उसका जिक्र सुरूर देता हैं,
उसके दर पर जो भी मांगता हैं,खुदा उसे जरूर देता हैं।
वो चमक चाँद में है न सितारों में हैं,जो मदीने के दिलकश
नजारों में हैं, बेजुबान पत्थरों को भी बख्श दी जुबान
इतनी ताकत मेरे,नबी के इशारों में हैं।
क्या पता तुम्हारे होठ हिले और मेरी तकदीर संवर जाए।
Jumma Mubarak Shayari in Urdu
یسر بارس ارے تم پر رحم الرحمن کی بارش کھ خددا کی رہمھم اوہ کارمام سھ ارشاد تمی کوئی بھی راجہ ن ہو امین جمما مبارک .. !
دھن مین ساکن کی تالشا ہا اے اللہ تیر بانڈا بہا اڈاس ہائ دھون راہ ہان اندر راحت دھن مین جی بی صاحب ساری مسیل کا ہال نماض ہا … !
Jumma mubarak shayari in English
May you all have a blessed
Friday filled with happiness,
prosperity and the pleasure of
Allah Ta’ala. Jumma mubarak ho
Ya Allah Is Jumma Ke Barbakat Din Hamare
Gunah Maaf Farma
Wohi Rab Hy Jo Subha
Neend Sy Bedr Krta Hy Uss Insan Ko Jo Poora Din
Khuda Ki
Nafrmaniyaan Krta Hy Kbhi Nach Ganna, Kbhi Jhout,
Kbhi Soud Kbhi Gaali,
Kbhi Kuch Aur Jb Raat Hoti Hy Toh Sula Dita Hy
Or Aisy Soulata Hy
May Allah Bless You
and Your Family By Plentitude
of Blessings… Ameen!!!
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