Urdu Shayari in Hindi | उर्दू की मशहूर शायरियां

उर्दू के‌ मशहूर शायरों की शायरियां ‌का कलेक्शन 

उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा,
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है।
-असरार-उल-हक़ मजाज़


तेरी वफ़ा के तकाजे बदल गये वरना,
मुझे तो आज भी तुझसे अजीज कोई नहीं।
- अकबर इलाहाबादी


एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगा, बे-हिसाब उस में तेरा कसूर लिखूंगा, टूट गए बचपन के तेरे सारे खिलौने, अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर लिखूंगा। - अमीर मीनाई


हमने दी है जो कभी उसको खुशी की अर्ज़ी,
पुर्जा-पुर्जा वो हवाओं में उड़ा देता है।
-अल्लामा इकबाल

Best Of Urdu Shayari


मेरे रोने की हक़ीक़त जिसमें थी
एक मुद्दत तक वो काग़ज़ नम रहा
- मीर 

वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे
मैं तुझे भूल के ज़िंदा रहूं ख़ुदा न करे
- क़तील शिफ़ाई

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते
- गुलज़ार

कुछ फैसला तो हो कि किधर जाना चाहिए
पानी को अब तो सर से गुज़र जाना चाहिए 
- परवीन शाकिर

आज देखा है तुझ को देर के बाद
आज का दिन गुज़र न जाए कहीं
- नासिर काज़मी

आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो
नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है
- जाँ निसार अख़्तर

आप की याद आती रही रात भर
चश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर
- मख़दूम मुहिउद्दीन

और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

दर्द ऐसा है कि जी चाहे है ज़िंदा रहिए
ज़िंदगी ऐसी कि मर जाने को जी चाहे है
- कलीम आजिज़


Best of Urdu Shayar


देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से
- साहिर लुधियानवी

चाहिए ख़ुद पे यक़ीन-ए-कामिल
हौसला किस का बढ़ाता है कोई
- शकील बदायुनी

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टूटे हुए दिलों की शायरियां। Sad Shayari Collection


धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो
- निदा फ़ाज़ली

अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
- मुनव्वर राना

और तो क्या था बेचने के लिए
अपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं
- जौन एलिया



आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है
भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है
- वसीम बरेलवी 

Urdu Shayari in Hindi


बक रहा हूँ जुनूँ में क्या क्या कुछ
कुछ न समझे ख़ुदा करे कोई
- मिर्ज़ा ग़ालिब

Shayari in Urdu 


हिं ही एक ग़ज़ल से कुछ यूँ ख़फ़ा हूँ मैं
ज़िक्र था जिस बेवफ़ा का, वही बेवफ़ा हूँ मैं।
- असरार-उल-हक़ मजाज़


अजीब सी पहेलियाँ हैं मेरे हाथों की लकीरों में
लिखा तो है सफ़र मगर मंज़िल का निशान नहीं।
-अहमद नदीम क़ासमी


बना दो वजीर मुझे इश्क की दुनिया का दोस्तो 
वादा है हर बेवफा को सजाए मौत दूंगा ।
-आदिल मंसूरी

उर्दू शायरी कलेक्शन।

ना_जाने_क्यों
ये दिल इतना नादान बेवफा के लिए ही रोता है
अश्क बहाता है आँखों से पर लब खामोश।
-आदिल मंसूरी


दिल भी तोड़ा तो सलीक़े से न तोड़ा तुम ने
बेवफ़ाई के भी आदाब हुआ करते हैं।
-कैफ़ी आज़मी


इस क़द्र मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की
आज पहली बार उससे मैंने बेवफ़ाई की।
-आदिल मंसूरी


आदतन तुमने कर लिए वादे
और आदतन हमनें ऐतबार कर लिया
- गुलज़ार


हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में 
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया 
- गुलज़ा

रात बजती थी दूर शहनाई
रोया पीकर बहुत शराब कोई
- जावेद अख़्तर

All Urdu Shayar Collection


दुनिया समझ रही है उसे बेवफ़ा मगर
रस्ते से उठ गया है वो घर तो नहीं गया
- तारिक़ नईम


बना दो वजीर मुझे इश्क की दुनिया का दोस्तो 
वादा है हर बेवफा को सजाए मौत दूंगा 
-अहमद नदीम क़ासमी


जिनसे थे मेरे नैन मिले,
बन गए थे ज़िन्दगी के सिलसिले। 
इतना प्यार करने के बाद भी ,
सनम मेरे बेवफा निकले।
-क़तील शिफ़ाई

  
तुमसे तो बेवफाई की उम्मीद ना थी,
क्यूंकि तुम्हारी तो मेरी हां में हां थी। 
फिर क्यूँ मुझे अचानक तनहा छोड़ गए,
दिल मिलाकर के फिर दिल क्यू तोड़ गए।.
-क़तील शिफ़ाई

 
उम्मीद ना थी कि तुम बेवफा निकलोगे,
मेरे दिल के साथ इस तरह खेलोगे। 
इतना प्यार दिया था तुम्हे मेरी जान ,
फिर भी अपने दिल की तुम ना सुनोगे।
-अहमद नदीम क़ासमी

Urdu Shayari Collection

 
फरत है मुझे उनके नाम से
जिन्हें इतनी मोहब्बत दी
फिर भी उन्हें मोहब्बत
ना हुई प्यार से।
-कैफ़ी आज़मी


जिन गलियों में कभी
वफाए महका करती थी। 
उन गलियों में अब
बेवफा-ए बदबू आती है।
-क़तील शिफ़ाई

  
जिन गलियों में कभी
वफाए महका करती थी। 
उन गलियों में अब
बेवफा-ए बदबू आती है।
-कैफ़ी आज़मी

  
मौत एक सच्चाई है उसमे कोई ऐब नहीं,
क्या लेके जाओगे यारों कफ़न में कोई जेब नही।
-हसरत मोहानी


मौत एक सच्चाई है उसमे कोई ऐब नहीं,
क्या लेके जाओगे यारों कफ़न में कोई जेब नही।
-क़तील शिफ़ाई


आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया
तेरी राहो में बारहा रुक कर
हम ने अपना ही इंतज़ार किया
अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया।
-ऐतबार साजिद

All Urdu Shayari Collection


तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें 
हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया 
-बहादुर शाह ज़फ़र


हम से क्या हो सका मोहब्बत में 
ख़ैर तुम ने तो बेवफ़ाई की 
-फ़िराक़ गोरखपुरी


इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की 
आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की 
-अहमद फ़राज़


चला था ज़िक्र ज़माने की बेवफ़ाई का 
सो आ गया है तुम्हारा ख़याल वैसे ही 
-अहमद फ़राज़


ना_जाने_क्यों
ये दिल इतना नादान बेवफा के लिए ही रोता है
अश्क बहाता है आँखों से पर लब खामोश
-ऐतबार साजिद


उसके इश्क में बर्बाद होने की
ख्वाहिश थी मेरी वर्ना,
वो बेवफा है इसका इल्म
हमें इक अरसे से था।
-हसरत मोहानी


चला गया है दूर वो मेरी जिंदगी से मगर
उसका कहा हर लफ्ज़ मुझे आज भी सुनाई देता है,
हर शख्स जानता है फितरत उसकी कि वो बेवफा है
फिर भी ये दिल उसे पाने की दुहाई देता है।
-ऐतबार साजिद


जो प्यार है तुझे मुझसे तो इश्क का इक जाम तो दे,
गर मुकम्मल कर दिया है मैंने तुझे तो मुझे मेरा इनाम तो दे,
सुना है हमने कि बेवफा है तू फिर भी
हम तेरे गुनाहगार बनने को तैयार हैं,
सजा काट लेंगे हम जो भी तुझे मंजूर हो
लेकिन पहले कोई इल्जाम तो दे।
-असरार-उल-हक़ मजाज़


जब से सुना है ज़माने में फैली बेवफाई  है,
तब से हमने यारों इक तरफ़ा मोहब्बत आजमाई है,
न उसे खबर है न शक ही है कोई,
न ही कोई धोखा है और न ही कोई रुसवाई है।
-निदा फ़ाज़ली


जाने क्यों लौट आता है मेरी जिंदगी में वो शख्स हर दफा,
जिसके लिए इश्क फरेब है और हम है बेवफा।
-निदा फ़ाज़ली

Urdu Shayari Collection in Hindi


जिस किसीको भी चाहो वोह बेवफा हो जाता है।
सर अगर झुकाओ तो सनम खुदा हो जाता है,
जब तक काम आते रहो हमसफ़र कहलाते रहो,
काम निकल जाने पर हमसफ़र कोई दूसरा हो जाता हैं।
-निदा फ़ाज़ली


आशिक़ी हो कि बंदगी ‘फ़ाख़िर’
बे-दिली से तो इब्तिदा न करो।
-अहमद नदीम क़ासमी


रफ़ीक़ों से रक़ीब अच्छे जो जल कर नाम लेते हैं
गुलों से ख़ार बेहतर हैं जो दामन थाम लेते हैं।


देखने वालो तबस्सुम को करम मत समझो
उन्हें तो देखने वालों पे हँसी आती है।
-नासिर काज़मी


दिल तो रोता रहे ओर आँख से आँसू न बहे
इश्क़ की ऐसी रिवायात ने दिल तोड़ दिया।
-नासिर काज़मी


इल्जाम न दे मुझको तूने ही सिखाई बेवफाई है,
देकर के धोखा मुझे मुझको दी रुसवाई है,
मोहब्बत में दिया जो तूने वही अब तू पाएगी,
पछताना छोड़ दे तू भी औरों से धोखा खायेगी।
-अहमद फ़राज़


मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा
जिन्हे दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा
-अली सरदार जाफरी


छलक जाने दो पैमाने
मैखाने भी क्या याद रखेंगे,
आया था कोई दिवाना
अपनी मोहब्बत को भुलाने।
-अहमद मुश्ताक़


हाय ये तेरी नजरो का पैनापन
इतनी गहराई समाई है इनमे
की अब तो तैरने से भी डर लगता है।
-अहमद फ़राज़


मेरे कलम से लफ्ज़ खो गए सायद
आज वो भी बेवफा हो गाए सायद
जब नींद खुली तो पलकों में पानी था
मेरे ख्वाब मुझपे रो गए शायद।
-असरार-उल-हक़ मजाज़


ये बेवफा, वफा की कीमत क्या जाने !
ये बेवफा गम-ए-मोहब्बत क्या जाने !
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर !
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने !- अनवर जमाल


हादसोँ के गवाह हम भी हैँ,अपने दिल से तबाह हम भी हैँ,जुर्म के बिना सजा ए मौत मिली,ऐसे ही एक बेगुनाह हम भी हैँ।
-अहमद मुश्ताक़


जो जले थे हमारे लिऐ,
बुझ रहे हैं वो सारे दिये,
कुछ अंधेरो ने की थी साजिशें,
कुछ उजालों ने धोखे दिये।
- तारिक कासमी


अल्फाज़ तो बहुत है मोहब्बत को जताने के लिए !
जो मेरी खामुशी नहीं समझ सका वो मेरी मोहब्बत क्या समझेगा -अहमद फ़राज़

जरा परदे मेँ रहकर बाहोँ मेँ समाओ किसी गैर की,
कहीँ कोई देख ना ले तुम्हेँ,
मेरी खुशियोँ का कत्ल करते हुये...!!
-अहमद मुश्ताक़


चलो खेलें वही बाजी जो पुराना खेल है तेरा,
तू फिर से बेवफाई करना
मैं फिर आँसू बहाऊंगा।
-अहमद फ़राज़


मुझे उसके आँचल का आशियाना न मिला,
उसकी ज़ुल्फ़ों की छाँव का ठिकाना न मिला,
कह दिया उसने मुझको ही बेवफा…
मुझे छोड़ने के लिए कोई बहाना न मिला।
- तारिक अनवर

कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी,
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने,
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी
-अहमद मुश्ताक़


दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं
कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं
- जिगर मुरादाबादी 


अजब चराग़ हूँ दिन रात जलता रहता हूँ
मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे
- बशीर बद्र

राहत इंदौरी की मशहूर शायरी

बुलाती है मगर जाने का नहीं
ये दुनिया है इधर जाने का नहीं

मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर
मगर हद से गुज़र जाने का नहीं

ज़मीं भी सर पे रखनी हो तो रखो
चले हो तो ठहर जाने का नहीं

सितारे नोच कर ले जाऊंगा
मैं खाली हाथ घर जाने का नहीं

वबा फैली हुई है हर तरफ
अभी माहौल मर जाने का नहीं

वो गर्दन नापता है नाप ले
मगर जालिम से डर जाने का नहीं
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